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योनि मार्ग से सफेद, चिपचिपा गाढ़ा स्राव होना आज मध्य उम्र की महिलाओं की एक सामान्य समस्या हो गई है। सामान्य भाषा में इसे सफेद पानी जाना कहते हैं. भारतीय महिलाओं में यह आम समस्या प्रायः बिना चिकित्सा के ही रह जाती है। सबसे बुरी बात यह है कि इसे महिलाएँ अत्यंत सामान्य रूप से लेकर ध्यान नहीं देती, छुपा लेती हैं श्वेत प्रदर में योनि की दीवारों से या गर्भाशय ग्रीवा से श्लेष्मा का स्राव होता है, जिसकी मात्रा, स्थिति और समयावधि अलग-अलग स्त्रियों में अलग-अलग होती है। यदि स्राव ज्यादा मात्रा में, पीला, हरा, नीला हो, खुजली पैदा करने वाला हो तो स्थिति असामान्य मानी जाएगी। इससे शरीर कमजोर होता है और कमजोरी से श्वेत प्रदर बढ़ता है। इसके प्रभाव से हाथ-पैरों में दर्द, कमर में दर्द, पिंडलियों में खिंचाव, शरीर भारी रहना, चिड़चिड़ापन रहता है। इस रोग में स्त्री के योनि मार्ग से सफेद, चिपचिपा, गाढ़ा, बदबूदार स्राव होता है, इसे वेजाइनल डिस्चार्ज कहते हैं।
श्वेत प्रदर या ल्यूकोरिआ या लिकोरिआ (Leukorrhea) या “सफेद पानी आना” स्त्रिओं का एक रोग है जिसमें स्त्री-योनि से असामान्य मात्रा में सफेद रंग का गाढा और बदबूदार पानी निकलता है और जिसके कारण वे बहुत क्षीण तथा दुर्बल हो जाती है। महिलाओं में श्वेत प्रदर रोग आम बात है। ये गुप्तांगों से पानी जैसा बहने वाला स्त्राव होता है। यह खुद कोई रोग नहीं होता परंतु अन्य कई रोगों के कारण होता है। श्वेत प्रदर वास्तव में एक बीमारी नहीं है बल्कि किसी अन्य योनिगत या गर्भाशयगत व्याधि का लक्षण है; या सामान्यतः प्रजनन अंगों में सूजन का बोधक है।
असामान्य योनि स्राव के कारण एवं लक्षण
असामान्य योनि स्राव के ये कारण हो सकते हैं- (1) योन सम्बन्धों से होने वाला संक्रमण (2) जिनके शरीर की रोधक्षमता कमजोर होती है या जिन्हें मधुमेह का रोग होता है उनकी योनि में सामान्यतः फंगल यीस्ट नामक संक्रामक रोग हो सकता है।
ग्रीवा से उत्पन्न श्लेष्मा (म्युकस) का बहाव योनिक स्राव कहलाता है। अगर स्राव का रंग, गन्ध या गाढ़ापन असामान्य हो अथवा मात्रा बहुत अधिक हो जाती है तो यह समस्या लिकोरिया होती है । योनिक स्राव (Vaginal discharge) सामान्य प्रक्रिया है जो कि मासिक चक्र के अनुरूप परिवर्तित होती रहती है. दरअसल यह स्राव योनि को स्वच्छ तथा स्निग्ध रखने की प्राकृतिक प्रक्रिया है वहीं अण्डोत्सर्ग के दौरान यह स्राव इसलिये बढ़ जाता है ताकि अण्डाणु आसानी से तैर सके. अण्डोत्सर्ग के पहले काफी मात्रा में श्लेष्मा (mucous) बनता है. यह सफेद रंग का चिपचिपा पदार्थ होता है. लेकिन कई परिस्थितियों में जब इसका रंग बदल जाता है तथा इससे बुरी गंध आने लगती है तो यह रोग के लक्षण का रूप ले लेता है.
अत्यधिक उपवास, उत्तेजक कल्पनाएं, अश्लील वार्तालाप, सम्भोग में उल्टे आसनो का प्रयोग करना, सम्भोग काल में अत्यधिक घर्षण युक्त आघात, रोगग्रस्त पुरुष के साथ सहवास, सहवास के बाद योनि को स्वच्छ जल से न धोना व वैसे ही गन्दे बने रहना आदि इस रोग के प्रमुख कारण बनते हैं। बार-बार गर्भपात कराना भी सफेद पानी का एक प्रमुख कारण है।
ऐसी हालत में स्त्री को कमर-पेट-पेडू व जांघो का दर्द होने लगता है
चक्कर आना
आँखो के सामने अंधेरा आना
भूख न लगना
थकावट महसूस होना
कमजोरी व काम में मन न लगना आदि
कष्टपूर्ण शिकायतें बन जाती हैं जिससे धीरे-धीरे जवान स्त्री भी ढलती उम्र की दिखाई देने लगती है।
यूनानी उपचार
हकीम हाशमी जो उपयोगी जड़ी बूटियों की खोज में अपने पूरे जीवन समर्पित द्वारा सहस्राब्दियों की एक अवधि में विकसित की है, झाड़ियों एवं उप महाद्वीप के पहाड़ों पर सब भटक स्थानीय लोगों और आदिवासियों द्वारा अपनाई प्रथाओं आत्मसात किया. विभिन्न क्षेत्रों से इस प्रणाली को भी औषधीय पहलू की कई पीढ़ियों से बंद टिप्पणियों पर आधारित है. आधुनिक अनुसंधान उपकरण, जड़ी बूटी पर औषधीय अध्ययन की मदद से, हकीम हाशमी की तरह चिकित्सकों पुराने फार्मूलों को संशोधित कर पुनर्जीवित किया तथा शक्तिशाली और नई दवाओं का शोध कर लाखो लोगो को उपचार प्रदान किया. यूनानी सिस्टम राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के अनुसार, “यूनानी दवा सेक्स समस्यों के इलाज का एक अभिन्न हिस्सा है”.
लेडी केअर कैप्सूल
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लेडी केअर कैप्सूल हर्बल गोलियाँ हैं जोकि असामान्य योनी स्राव से राहत का सबसे अच्छा तरीका है. यह उस सिद्धांत पर आधारित है जोकि पुरानी यूनानी प्रणाली में हजारों साल पहले योनि से को रोकने के लिए स्वीकार किया गया था तथा यह योनि की समस्याओं व योनी के असामान्य स्राव से पूरी तरह राहत के लिए के लिए प्रभावी और शक्तिशाली दवा है जोकि आपको स्थायी इलाज प्रदान करती है . लेडी केअर कैप्सूल उन सभी समस्याओं का उपचार प्रदान करती हैं जो आप सेक्स के समय सहन करती हैं . यहां महत्वपूर्ण यह है कि यह दवा हर्बल होने के कारण किसी भी प्रकार का कोई सहप्रभाव नही छोडती है और आपको एक पूर्ण उपचार स्वाभाविक रूप से प्रदान करता है
लेडी केअर कैप्सूल पहला और एकमात्र चिकित्सकीय द्वारा परीक्षण किया हुआ योनि कायाकल्प कैप्सूल है. यह जड़ी बूटियों से तैयार है जोकि प्रयोग किये जाने के पश्चात् किसी प्रकार का सहप्रभाव नही छोड़ता तथा यह योनि की आंतरिक दीवारों को मजबूती प्रदान करता है महिला और उसके साथी के लिए यौन सुख को बढाता है. सभी उम्र की महिलाओं को बुढ़ापे या प्रसव के प्राकृतिक परिणाम के कारण योनि समस्या का सुरक्षित समाधान पर्याप्त करने में आपकी मदद करता है महिलाओं में योनि से सफ़ेद पानी या पीला पानी हर समय या कभी कभी निकलना तथा असामान्य रूप से खून बहना आदि सभी समस्याओं में यह चमत्कारिक रूप में आपकी मदद करता है.
लेडी केअर कैप्सूल आपको साफ और तरो ताजा महसूस करता है!
लेडी केअर कैप्सूल योनि की प्राकृतिक सुरक्षा बढ़ाने के लिए उपयोग होता है
ग्रीवा से उत्पन्न श्लेष्मा (म्युकस) के बहाव को ठीक करता है। अगर स्राव का रंग, गन्ध या गाढ़ापन असामान्य हो अथवा मात्रा बहुत अधिक हो जाती है तो इस समस्या को शीघ्र ही ठीक करता है । योनिक स्राव (Vaginal discharge) सामान्य प्रक्रिया है जो कि मासिक चक्र के अनुरूप परिवर्तित होती रहती है. दरअसल यह स्राव योनि को स्वच्छ तथा स्निग्ध रखने की प्राकृतिक प्रक्रिया है वहीं अण्डोत्सर्ग के दौरान यह स्राव इसलिये बढ़ जाता है ताकि अण्डाणु आसानी से तैर सके. अण्डोत्सर्ग के पहले काफी मात्रा में श्लेष्मा (mucous) बनता है. यह सफेद रंग का चिपचिपा पदार्थ होता है. लेकिन यदि किन्ही परिस्थितियों में जब इसका रंग बदल जाता है तथा इससे बुरी गंध आने लगती है तो यह रोग का रूप ले लेता है. लेडी केअर कैप्सूल शरीर में होने वाले रासायनिक परिवर्तन को ठीक करता है जिससे योनी स्राव का रंग व गन्ध का सरलता से उपचार हो जाता है
Categoría: Health
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